दोस्तों आजकल जब आप अपने किसी दोस्त से पूछते है की वो कहा नौकरी कर रहा है तो वो कहता है BPO मैं काम कर रहा हूँ लेकिन क्या आप जानते है BPO kya hai?, BPO का full Form क्या है? या BPO का पूरा नाम क्या है?, BPO को हिंदी में क्या कहते है? इसमें क्या काम होता है?
इन सब सवालो के जवाब इस लेख में आपको मिलेंगे
BPO की फुल फॉर्म है बिज़नेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग, यह एक तरह का प्रोसेस होता है जिसमे एक कंपनी अपने अतिरिक्त व्यावसायिक कार्य (मतलब जो उस कंपनी का मूल काम नहीं है) को करवाने के लिए दूसरी कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट पर hire करती है
बीपीओ में बहुत सारी सर्विस कवर होती है जैसे इसमें पेरोल, Human Resources (HR), Accounting और Customer Care Services इत्यादि.
सबसे अधिक आउटसोर्स किए जाने वाली सर्विसेज है
कस्टमर केयर सर्विसेज (Customer Care Services)
एकाउंटिंग (Accounting)
पैरोल (Payroll)
ह्यूमन रिसोर्सेज मैनेजमेंट (Human Resources Management)
कस्टमर केयर सर्विसेज या कॉल सेंटर BPO में आता है कॉल सेंटर का मतलब होता जहाँ पर आपकी समस्याओ का समाधान कॉल पर किया जाता है जैसे आप के पास एयरटेल या फिर जिओ का नंबर और कभी आपको कॉल करने में या इंटरनेट नहीं चल रहा जैसी समस्या आती तो आप कंपनी के नंबर कॉल करते है जहाँ पर ये कॉल जाती है उसे कॉल सेंटर कहते है कॉल सेंटर भी BPO एक हिस्सा होता है
BPO और कॉल सेंटर में क्या अंतर है
BPO एक संगठन होता है जिसमे बहुत सारी सर्विसेज आती है और यह बिज़नेस की प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने में मदद करता है जबकि कॉल सेंटर BPO का एक भाग होता है जो फ़ोन कॉल के माध्यम से कस्टमर की समस्याओं को दूर करने और कंपनी के प्रोडक्ट का प्रमोशन करने के लिए काम करता है
BPO ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से काम करता है जबकि कॉल सेंटर कॉल के माध्यम से ही सेवा प्रदान करता है
बीपीओ तीन प्रकार के होते है (Types of BPO)
ऑनशोर आउटसोर्सिंग: जब कोई संगठन उसी देश में स्थित सेवा प्रदाता को काम पर रखता है। इसे घरेलू आउटसोर्सिंग भी कहा जाता है
नियरशोर आउटसोर्सिंग: जब कोई संगठन किसी पड़ोसी देश में सेवा प्रदाता को काम पर रखता है।
ऑफशोर आउटसोर्सिंग: इसमें संगठन किसी दूसरे देश में सेवा प्रदाता को काम पर रखता है।
बीपीओ के फायदे
कम लागत
आउटसोर्स करने से लागत कम आती है संगठन को न तो आईटी उपकरण खरीदने पड़ते है और न कर्मचारी रखने पड़ते है जिससे उपरि लागत कम हो जाती या फिर समाप्त हो जाती है
उच्च दक्षता
बीपीओ कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों अनुभवी होती है और नवीनतम तकनीक का उपयोग करती है, इसलिए वो उच्च दक्षता से काम करती है और अधिक उत्पादकता के साथ परिणाम देती है।
संगठन मुख्य व्यावसायिक कार्यों पर ध्यान दें सके
आउटसोर्स करने से संगठन को अपनी मुख्य व्यावसायिक गतिविधियों पर ध्यान देने के लिए अधिक समय मिलता है।
वैश्विक विस्तार
आउटसोर्स करने से संगठन को वैश्विक विस्तार में मदद मिलती है क्योंकि कुछ गतिविधियां ऐसी होती जिनके लिए स्थानीय बाजार का ज्ञान, राष्ट्रीय कानून विशेषज्ञता, या विदेशी भाषा में प्रवाह की आवश्यकता होती है
बीपीओ की कमियां
सुरक्षा समस्याएं
BPO कंपनी के साथ काम करते समय सुरक्षा भंग होने की संभावना है होती है क्योंकि इसमें संवेदनशील जानकारी को साझा करने की आवश्यकता पड़ती है।
बीपीओ कंपनी पर अधिक निर्भरता
जब किसी बीपीओ कंपनी से लम्बे समय तक के लिए काम आउटसोर्स किया जाता है, तो संगठन को उसके काम करने के तरीके का आदि हो सकता है और उन पर अत्यधिक निर्भर हो सकता है। बीपीओ कंपनी इसका फायदा उठाकर अधिक भुगतान करने की मांग कर सकती है
सवांद समस्या
कभी-कभी ऑफशोर आउटसोर्सिंग करते समय सवांद की समस्या दक्षता में बाधा बन सकती है। गलत संचार के कारण गलतियाँ हो सकती और यह बहुत महंगा पड़ सकता है
अप्रत्याशित लागत
हर काम कठिन नहीं होता लेकिन संगठन काम की मात्रा को कम आंक सकता है, इससे लागतें अपेक्षा से अधिक हो सकती हैं बीपीओ कंपनी के साथ विवाद की स्थिति में कानूनी खर्च हो सकता है और काम के वितरण में देरी से अप्रत्यक्ष लागत लग सकती है
आशा करता हूँ की अब आप जान गए होंगे की BPO Kya Hai (बीपीओ क्या है) और इसमें क्या काम होता है यदि आपका का कोई प्रश्न हो तो कमेंट सेक्शन में कमेंट करें
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